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Women’s health issues mentioned above are certain severe conditions that can considerably affect their quality of health and well-being. Diseases like ovarian and breast cancer are treatable at their early stages.
Menstrual Disorders:
Polycystic Ovary Syndrome (PCOS):
Endometriosis:
Premenstrual Syndrome (PMS) and Premenstrual Dysphoric Disorder (PMDD):
Vaginal Infections:
Pelvic Inflammatory Disease (PID):
Breast Issues:
Osteoporosis:
Pregnancy-Related Issues:
Menopausal Symptoms:
Urinary Incontinence:
Sexual Health Issues:
अगर समय पर हार्मोन को बैलेंस नहीं किया गया तो कम उम्र में ही वजन बढ़ना, डायबिटीज, हार्ट अटैक, हाई कोलेस्ट्राल, हाई बीपी और डिप्रेशन की परेशानी के साथ साथ आगे चलकर प्रेग्नेसीं में भी दिक्कत आ सकती है। आप भी इस बीमारी से पीड़ित है तो ट्रेडिशनल मेडिसिन के बजाय आयुर्वेदिक तरीके से करें इसका उपचार।
दालचीनी में भरपूर मात्रा में थाइमीन, फॉस्फोरस, प्रोटीन, सोडियम, विटामिन, कैल्शियम, मैंग्नीज, पोटेशियम, निआसीन, कार्बोहाइडे्ट आदि पाए जाते हैं जो वजन को कंट्रोल करने में मददगार है। शोध के अनुसार दालचीनी इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोकती है और मोटापे को कम करती है। इसके लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर 2–3 महीनों तक पिये आपको फायदा मिलेगा।
एक बर्तन में एक गिलास पानी गर्म करें अब इसमें 7–8 पुदीने की पत्तियों को डालकर दस मिनट तक उबालें। इसे छानकर चाय की तरह पिएँ, कुछ हफ्तों तक इसका सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होता है तथा शरीर में अतिरिक्त बालों का बढ़ना भी कम हो जाता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में वजन तेजी से बढ़ता है इसलिए मेथी का सेवन करें। मेथी शरीर में ग्लूकोज के चयापचय को बढ़ावा देती है और इंसुलिन को बढ़ने से रोकती है। मेथी के बीजों को रात को पानी में भिगो दें तथा खाली पेट एक चम्मच भीगे हुए बीजों को शहद के साथ लें।
मुलेठी की जड़ टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करती है। एक चम्मच मुलेठी के चूर्ण को एक कप पानी में डालकर उबाल लें। इसका सेवन करने से PCOD की समस्या से निजात पाई जा सकती है।
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी ना सिर्फ इम्यूनिटी मजबूत करती है बल्कि कई बीमारियों का उपचार भी करती है। तुलसी में एंटी-एन्ड्रोजेनिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करते है। एक पैन में 8–10 तुलसी की पत्तियों को डालकर काढ़ा बना लें और उसका सेवन करें।
The treatment for women’s wellness varies based on specific health concerns and conditions. It’s crucial for women to consult with healthcare professionals for personalized advice and treatment plans. Here are some general areas of women’s wellness and possible treatments:
Reproductive Health:
Hormonal Health:
Reproductive and Gynecological Health:
Pregnancy and Postpartum Care:
Breast Health:
Bone Health:
Mental and Emotional Well-being:
Cardiovascular Health:
Gynecological Health:
Nutrition and Diet:
Intimate Health:
Preventive Healthcare:
It’s important for women to actively participate in their healthcare, communicate openly with healthcare providers, and seek professional guidance for specific health concerns. Regular health check-ups, preventive measures, and a healthy lifestyle contribute to overall women’s wellness.
प्राणायाम: जब आप नियमित रूप से प्राणायाम करते है तो आप अपनी प्राण वायु का संचालन शरीर के सभी हिस्सों में करते है और शरीर में ऑक्सीजन की भरपूर मात्रा रहती है।
कपालभाति: यह चयापचय प्रक्रिया को बढ़ाता है और वज़न कम करने में मदद करता है। नाड़ियों का शुद्धिकरण करता है। पेट की मासपेशियों को सक्रिय करता है, पाचन क्रिया को अच्छा करता है और पोषक तत्वों का शरीर में संचरण करता है। मस्तिष्क और तांत्रिक तंत्र को ऊर्जान्वित करता है।
सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार करने से शरीर के हर हिस्से को फायदा होता है रोज़ाना पिछले दिन से एक बार अधिक दोहराए और जब आप बारहवीं बार तक पहुँच जाये तो रोज़ाना 12 बार दोहराएं।
रोज़ाना कम से कम आधे घंटे सैर करें जिससे आपका शरीर सक्रिय रहता है, और मूड भी अच्छा रहता है।
एक समय में एक ही काम करें अथवा जब एक काम ख़त्म हो जाए तभी दूसरा काम करें जिससे आपके शरीर के सेल्स नियमित रूप से काम करेंगे।
आपको हरी सब्ज़ियां और देसी गाय के दूध का सेवन करना चाहिए जिससे आपके शरीर में आयरन और कैल्शियम की कमी पूरी होगी।
पूरा दिन गर्म पानी या गुनगुने पानी का सेवन करें। फ्रिज की ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें!
बहुत से लोगो की आदत होती है दिन में थोड़ा-थोड़ा भोजन खाते रहने की लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक पहले का खाना जब तक अच्छे से पच न जाए तब तक दोबारा खाना न खाएं। इस प्रक्रिया का पालन करने से आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहेगा।
हमेशा घर के खाने का ही सेवन करें क्योंकि घर का खाना पूरी तरह से साफ़ सफाई को ध्यान में रखकर बनाया जाता है।
बाहर का चाइनीज़, इटैलियन खाना न खाएं क्योंकि यह सब मैदा से बना होता है और मैदा चिपचिपा होता है और आँतों में चिपकता है।
भोजन में दूध का सेवन ज़रूर करें और तरबूज, खरबूजा, लीची आदि जैसे मौसमी फलों का सेवन करें जिससे आपके शरीर में विटामिन सी की कमी पूरी हो, बेमौसमी फलों को खाने से बचे।
रोज़ाना सुबह खाली पेट एक चम्मच घी का सेवन करें जो की आपके पूरे शरीर के लिए लाभदायक होता है।
Women’s wellness should not be neglected at any cost. Visit the Health and Wellness Blogs for great nutrition and fitness tips to lead a healthier life. Stay tuned to the Activ Living Community. Keep up to date with the latest health tips and trends through expert videos, podcasts, articles, and much more in nutrition, fitness, mindfulness, and lifestyle conditions like Asthma, Blood Pressure, Cholesterol, and Diabetes.
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